अगर आप भी जानना चाहते हैं कि 10वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? तो फ़िक्र और चिंता को फेंक दीजिए दूर किसी गढ़े में और इस लेख के जरिए कम्पलीट ले लीजिए कि 10वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने?
क्या आप एक छात्र हैं जो अभी 10वीं कक्षा पूरी कर चुके हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की ख्वाहिश रखते हैं?
अगर आपको टेक्नोलॉजी, प्रॉब्लम्स का सलूशन और नए-नए इनोवेशन बनाने में रुचि है, तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक परफेक्ट करियर च्वाइस हो सकता है।
इस आर्टिकल में हम Software Engineer Banne ke Liye 10th ke Baad kya kare विषय के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। हम पढाई की requirements, skills और opportunities के बारे में बात करेंगे।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या होता है?
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक इंजीनियरिंग ब्रांच है जो सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट के एवोल्यूशन से रिलेटेड होती है। इसमें वेल-डिफाइंड साइंटिफिक प्रिंसिपल्स, टेक्नीक्स, और प्रोसीजर्स का यूज़ होता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर डिज़ाइन प्रोसेस को अप्लाई करके सॉफ्टवेयर डिज़ाइन, डेवलपमेंट, टेस्टिंग, मेंटेनेंस, और एवल्यूएशन किया जाता है²।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का नीड इसलिए होता है क्यूंकि यूज़र रिक्वायरमेंट्स और सॉफ्टवेयर का वर्किंग एन्वायरनमेंट कंटिन्यूसली प्रोग्रेस करते रहते हैं।
लार्ज प्रोग्रामिंग के लिए, स्केलेबिलिटी के लिए, कॉस्ट मैनेजमेंट के लिए, सॉफ्टवेयर की डायनामिक नेचर को मैनेज करने के लिए, और बेटर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की ज़रूरत होती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोसेस को इनफॉर्म करने के लिए इंजीनियरिंग टेक्नीक्स का यूज़ होता है।
इसमें सॉफ्टवेयर कन्फ़िगरेशन मैनेजमेंट का हैवी यूज़ होता है, जो कन्फ़िगरेशन के चेंजेस को सिस्टेमेटिकली कंट्रोल करने और सिस्टम लाइफ साइकल के थ्रूआउट कन्फ़िगरेशन और कोड की इंटेग्रिटी और ट्रेसेबिलिटी को मेंटेन करने के बारे में होता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का काम है कंप्यूटर सिस्टम्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का। इसमें यूजर की ज़रूरतों को एनालाइज़ किया जाता है और इन ज़रूरतों के आधार पर सॉफ्टवेयर को बनाया जाता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रोग्रामिंग और डिज़ाइनिंग करके इन सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन्स का निर्माण करते हैं¹। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है।
पहला सॉफ्टवेयर और दूसरा इंजीनियरिंग। सॉफ्टवेयर जो है वो प्रोग्राम्स का एक कलेक्शन होता है। सॉफ्टवेयर को बहुत सारी प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस का प्रयोग करके विकसित किया जाता है।
इंजीनियरिंग का अर्थ है साइंटिफिक (वैज्ञानिक) सिद्धांतों और विधियों का प्रयोग करके प्रोडक्ट्स को विकसित करना¹। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की जरूरत निम्नलिखित कारणों से पड़ती है:
- बड़े सॉफ्टवेयर को मैनेज करने के लिए।
- ज्यादा स्केलेबिलिटी के लिए।
- कॉस्ट को मैनेज करने के लिए।
- सॉफ्टवेयर के डायनामिक नेचर को मैनेज करने के लिए।
- बेहतर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की मदद से हम बड़े सॉफ्टवेयर की कॉम्प्लेक्सिटी को कम कर सकते हैं, सॉफ्टवेयर के कॉस्ट को कम कर सकते हैं, सॉफ्टवेयर को डेवलोप करने में लगने वाले टाइम को कम कर सकते हैं, और बड़े प्रोजेक्ट्स को हैंडल करने में आसानी होती है।
10वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने?
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए 10वीं के बाद आपको कुछ जरूरी स्टेप्स और क्वालिफिकेशन फॉलो करने होंगे। नीचे दिए गए हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा:
1. हायर सेकेंडरी एजुकेशन (10+2)
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको हायर सेकेंडरी एजुकेशन कंप्लीट करना होगा। इसमें आपको 10+2 लेवल तक पढाई करनी होगी।
12वीं कक्षा में आपको साइंस स्ट्रीम चुनना होगा, जिसमें आपको सब्जेक्ट जैसे कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, और मैथमैटिक्स पढने होंगे।
ये विषय आपको आगे की पढ़ाई में और Technical Skills Develop करने में मदद करेंगे।
2. कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री
10वीं और 12वीं पूरी करने के बाद, आपको एक Bachelor’s Degree Program Join करना होगा कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में।
इस डिग्री प्रोग्राम में आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, एल्गोरिदम, डेटा स्ट्रक्चर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट तकनीक, और कंप्यूटर सिस्टम के बारे में गहराई से जानकारी मिलेगी।
इसके लिए आप किसी Reputated कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकते हैं, जहां आपको Proper Curriculum और प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिलेगा।
3. इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स
अपने Bachelor’s Degree Program के साथ-साथ, आपको इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स में भी पार्टिसिपेट करना चाहिए।
इंटर्नशिप आपको Real-world work experience देते हैं और आपको industry में एक्सपोजर प्रदान करते हैं।
इसके साथ ही, अपने कॉलेज प्रोजेक्ट्स और पर्सनल प्रोजेक्ट्स पर भी काम करें। ये आपके स्किल्स को बढ़ाते हैं और आपको प्रैक्टिकल नॉलेज और प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटीज डेवलप करने में मदद करते हैं।
4. टेक्निकल स्किल डेवलपमेंट
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको कुछ Technical Skills Develop करना होगा। ये स्किल्स आपको आपके करियर में बहुत मदद करेंगे। नीचे दिए गए हैं कुछ महत्वपूर्ण Technical Skills, जिन्हें आपको अपनी Journey में Focus करना चाहिए:
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज: जैस की जावा, पायथन, सी ++, या जावास्क्रिप्ट।
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मेथडोलॉजी, वर्जन कंट्रोल सिस्टम, और टेस्टिंग तकनीक।
- डेटाबेस: रिलेशनल डेटाबेस जैसे कि MySQL और NoSQL डेटाबेस जैसे कि MongoDB.
- वेब डेवलपमेंट: एचटीएमएल, सीएसएस, और फ्रंट-एंड फ्रेमवर्क जैसे कि रिएक्ट और एंगुलर।
- डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम: बेसिक डेटा स्ट्रक्चर जैसे कि Arrays, लिंक्ड लिस्ट्स, स्टैक और क्यू। एल्गोरिदम जैसे की सॉर्टिंग और सर्चिंग टेक्नीक।
- ऑपरेटिंग सिस्टम: ऑपरेटिंग सिस्टम की मूल बातें और उनकी फंक्शनैलिटीज।
5. सर्टिफिकेशन और प्रोफेशनल कोर्स
अपने स्किल्स को बढ़ाने के लिए, आप सर्टिफिकेशन और प्रोफेशनल कोर्स भी ज्वाइन कर सकते हैं। कोर्सेज में आपको स्पेशलाइज्ड नॉलेज और इंडस्ट्री से संबंधित स्किल्स मिलेंगे।
उडेमी, कौरसेरा, और एडएक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आपको बहुत से विकल्प मिलेंगे। ये कोर्स आपको निचे दिए गए एरिया में स्पेशलाइज होने में हेल्प करेंगे:
- वेब डेवलपमेंट
- मोबाइल एप डेवलपमेंट
- डाटा साइंस
- मशीन लर्निंग
- क्लाउड कंप्यूटिंग
6. नेटवर्किंग और इंडस्ट्री कनेक्शन
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए नेटवर्किंग और इंडस्ट्री कनेक्शन भी बहुत जरूरी होते हैं।
आपको टेक इवेंट्स, सेमिनार, और कॉन्फ्रेंस में भाग लेना चाहिए। इससे आपको इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स से मिलने और उनसे बात करने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि लिंक्डइन पर अपना प्रोफेशनल नेटवर्क विकसित करें।
आप अपने स्किल्स, प्रोजेक्ट्स और अचीवमेंट्स को शोकेस कर सकते हैं और जॉब के मौके एक्सप्लोर कर सकते हैं।
Software Engineering ke Liye Konsa Subject Le After 10th
अगर आप जानना चाहते है कि Software Engineer Banne ke Liye 11th Mein Kaun sa Subject Le तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए आपको 10वीं के बाद साइंस स्ट्रीम चुनना चाहिए जिसमें Physics, Chemistry, और गणित मुख्य विषय हों।
इसके अलावा, आप कंप्यूटर साइंस को ऑप्शनल विषय के रूप में चुन सकते हैं, जो आपको प्रोग्रामिंग में अतिरिक्त ज्ञान देगा।
आप 10वीं के बाद कुछ प्रमाणपत्र और डिप्लोमाकोर्सेज भी कर सकते हैं। जैसे कि आईटीआई कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट और डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग।
ये कोर्सेज आपको बेसिक कंप्यूटर स्किल्स, वेब और कोडिंग अंडरस्टैंडिंग, डाटा एंट्री, कम्युनिकेशन, और डाटाबेस मैनेजमेंट सिखाते हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Udemy, Coursera, edX, और UpGrad पर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के fundamentals पर Concentrate करने वाले विभिन्न शॉर्ट-टर्म ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं।
लेकिन, बेहतर करियर प्रोस्पेक्ट्स के लिए, आपको कक्षा 12वीं के बाद अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज जैसे कि BE/BTech, ME, और MSc in सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग Pursue करने की सलाह दी जाती है।
इससे आप बहुत ही आसानी से समझ सकते है कि Software engineer banne ke liye konsa subject lena padta hai और क्यों जरूरी होता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स फीस
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स की फीस भारत में अलग-अलग होती है, जो कि कॉलेज के प्रकार (सरकारी या निजी), स्थान, और कोर्स के प्रकार (डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, आदि) पर आधारित होती है।
- B.Tech सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग: इसकी औसत फीस सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में ₹10,000 से ₹7,81,000 तक होती है।
- डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स: इन कोर्सों की फीस आमतौर पर ₹15,000 से ₹3,20,000 तक होती है।
ये आंकड़े वर्तमान बाजार के ट्रेंड्स के आधार पर बदल सकते हैं। आपको स्पेसिफिक कॉलेज या विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर सटीक फीस जांचनी चाहिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैलरी
अगर आप जानना चाहते है कि Engineer ki Salary kitni Hoti hai, Civil Engineer ki salary kitni hoti hai या Private Engineer ki salary kitni hoti hai, तो आपको निचे दिए गए सैलरी पैटर्न को पढ़ना चाहिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की सैलरी भारत में विभिन्न Factors पर आधारित होती है, जैसे कि अनुभव, स्थान, और कंपनी।
औसत सैलरी सीमाओं के अनुसार, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी भारत में आमतौर पर ₹5,36,355 से ₹8,69,500 प्रति वर्ष होती है।
अगर किसी व्यक्ति का अनुभव 2-3 वर्ष है तो यह आंकड़ा ₹7,80,000 प्रति वर्ष तक बढ़ सकता है। Additional Cash Compensation भी मिल सकता है, जो ₹77,500 तक हो सकता है, रेंज ₹18,750 से ₹2,00,000 तक। ये आंकड़े वर्तमान मार्किट ट्रेंड्स के आधार पर बदल सकते हैं।
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FAQs – Software Engineer Banne ke Liye 10th ke Baad Kya Kare
ऊपर Software Engineer Banne ke Liye 10th ke Baad Kya Kare दी गई जानकारी के बाद। अब अगर आपके दिमाग में कोई सवाल उमड़ रहे है तो आइए अब उनके बारे में भी चर्चा कर लेते है:
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए?
2. क्या 10वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं?
3. क्या कोडिंग स्किल बिना सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं?
4. कौनसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना जरूरी है सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए?
5. इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट कैसे मदद करते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में?
6. क्या सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सिर्फ डिग्री ही काफी है?
निष्कर्ष
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए 10वीं के बाद एक सिस्टमेटिक अप्रोच और डेडिकेशन की जरुरत होती है।
हायर सेकेंडरी एजुकेशन पूरा करने के बाद, आपको एक बैचलर डिग्री प्रोग्राम करना होगा कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में।
इसके साथ-साथ, इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट्स, और टेक्निकल स्किल्स डेवलपमेंट भी बहुत जरूरी है।
आपको कोडिंग स्किल्स, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट तकनीक, और इंडस्ट्री कनेक्शन विकसित करना होगा।
अपने Journey में Patience और Perseverance रखें और अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करें।
Software Engineer Banne ke Liye 10th ke Baad Kya Kare, ये लेख आपकी सहायता करेगा अपने करियर को सही डायरेक्शन देने के लिए।
फ़िलहाल इस “Software Engineer Banne ke Liye 10th ke Baad Kya Kare” लेख में इतना ही।
अगर आपका इस लेख से संबंधित कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।
धन्यवाद 🙂
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