अगर आप उन लोगों में से है जो जानना चाहते है कि Amavasya Kab Hai, अमावस्या कब है या amavasya kitni tarikh ki hai? तो चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस लेख में आपको Amavasya Kab Hai और amavasya kitni tarikh ki hai सब कुछ विस्तार से बताया जाएगा।
हर महीने की एक रात होती है जब चंद्रमा पूरा तरह से गुम हो जाता है। यह रात अमावस्या कहलाती है, जिसे चंद्र की अभाव की रात कहा जाता है। इस रात में आसमान अंधेरे में डूबा रहता है और हमारे पूर्वजों के अनुसार, इसका महत्व बड़ा होता है। अमावस्या का अर्थ है “निरंतर अंधेरा” और यह प्रति माह के नए चंद्र की प्रारंभ होती है।
अमावस्या एक विशेष समय होता है जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिष विद्या में महत्व रखता है। इस समय पर लोग पूजा, अनुष्ठान और पुण्य कार्यों का आयोजन करते हैं। यह समय भी कई हिंदू उत्सवों का आरंभ होता है जैसे दिवाली, नवरात्रि और शरद पूर्णिमा।
इस लेख में हम देखेंगे कि अमावस्या कब होती है और इसका महत्व क्या है, और कैसे इस दिन को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से देखा जाता है।
Amavasya Kab Hai 2024 | अमावस्या कब है?
अब आपको Amavasya Kab Hai इस विषय पर 2024 के अंदर जितनी भी अमवस्याएं आने वाली हैं उनको ढूंढने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि उन सभी की लिस्ट निचे दी गई है।
तिथि | दिनवार | तिथि (कृष्ण पक्ष) | शुभ मुहूर्त (आरम्भ) | शुभ मुहूर्त (समाप्ति) |
---|---|---|---|---|
11 जनवरी 2024 | गुरुवार | पौष अमावस्या | रात 8:10 PM | शाम 5:26 PM |
9 फरवरी 2024 | शुक्रवार | माघ अमावस्या | सुबह 8:02 AM | बजकर 4:28 PM |
10 मार्च 2024 | रविवार | फाल्गुन अमावस्या | शाम 6:17 PM | दोपहर 2:29 PM |
8 अप्रैल 2024 | सोमवार | चैत्र अमावस्या | सुबह 3:21 AM | रात्रि 11:50 PM |
7 मई 2024 | मंगलवार | वैशाख अमावस्या | सुबह 11:40 AM | सुबह 8:51 AM |
6 जून 2024 | बुधवार | ज्येष्ठ अमावस्या | रात 7:54 PM | बजकर 6:07 PM |
5 जुलाई 2024 | शुक्रवार | आषाढ़ अमावस्या | सुबह 4:57 AM | सुबह 4:26 AM |
4 अगस्त 2024 | रविवार | श्रावण अमावस्या | दोपहर 3:40 PM | शाम 4:42 PM |
2 सितंबर 2024 | सोमवार | भाद्रपद अमावस्या | सुबह 5:21 AM | सुबह 7:24 AM |
2 अक्टूबर 2024 | बुधवार | अश्विन अमावस्या | रात 9:39 PM | सुबह 12:18 AM |
1 नवंबर 2024 | शुक्रवार | कार्तिक अमावस्या | दोपहर 3:52 PM | शाम 6:16 PM |
30 नवंबर 2024 | शनिवार | मार्गशीर्ष अमावस्या | सुबह 10:29 AM | सुबह 11:50 AM |
1 दिसंबर 2024 | रविवार | मार्गशीर्ष अमावस्या | सुबह 10:29 AM | सुबह 11:50 AM |
30 दिसंबर 2024 | सोमवार | पौष अमावस्या | सुबह 4:01 AM | बजकर 3:56 PM |
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अमावस्या की समझ
अमावस्या एक विशेष तिथि है जो हर माह में एक बार आती है। इस दिन चंद्रमा पूरी तरह से अंधेरे में चला जाता है और हमारे नजदीकी शास्त्रों में यह एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इस दिन का चंद्रमा हमारे नजदीक नहीं होता, इसलिए अंधेरा छा जाता है।
अमावस्या का महत्व
अमावस्या को हमारे दैनिक जीवन में बड़ा महत्व दिया जाता है। भारतीय संस्कृति में, इस दिन पूजन, तपस्या, और श्राद्ध कार्यक्रम करना शुभ माना जाता है। बहुत से लोग इस दिन धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेते हैं और अपने पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करते हैं।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अमावस्या
हिन्दू पंचांग के अनुसार, अमावस्या हर माह की एक बार होती है। इस तिथि का आगमन हर माह होता है और इसकी तिथि हर माह बदलती है। इस दिन, चंद्रमा का अभाव होता है और अंधेरा छा जाता है, जिससे इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
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अमावस्या का इम्पैक्ट
अमावस्या का महत्व हमारे जीवन में बहुत गहरा होता है। इस दिन कुछ लोग नए प्रारंभ का अवसर मानते हैं, जहां विचार, ध्यान और पुण्य काम किया जाता है। कुछ लोग इस दिन तपस्या और साधना में व्यतीत करते हैं, ताकि उनकी आंतरिक आत्मा को शांति मिले और वे अपने गुणों से मुक्त हो सकें। इस दिन को अपने जीवन में नए उद्देश्यों की शुरुआत करने का भी शुभ अवसर माना जाता है।
अमावस्या के धार्मिक और परंपरागत रितिरिवाज:
अमावस्या के दिन कई प्रकार के धार्मिक और परंपरागत रितिरिवाज होते हैं। लोग इस दिन को विशेष मानते हैं और धारण करते समय मंत्रों का जाप करते हैं।
कथा सुनना और जल अभिषेक करना भी कुछ प्रमुख परंपरागत रितिरिवाज होते हैं। कुछ लोग इस दिन धार्मिक स्थलों पर जाते हैं और भगवान की पूजा अर्चना करते हैं।
यह अवसर उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है जो अपने पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करते हैं और उनकी यादों को समर्पित करते हैं।
अमावस्या से जुड़े किस्से और कहानियां
अमावस्या के चारों ओर कई किस्से और धार्मिक कथाएँ हैं, जो इस दिन की महिमा को और भी गहरा बना देती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि अमावस्या को भूत-प्रेत अत्याचार करते हैं, इसलिए इस दिन कुछ लोग घर से बाहर नहीं निकलते।
दूसरी कहानियां कहती हैं कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है। कुछ लोग इस दिन को श्राद्ध और पितृपक्ष में श्राद्ध करते हैं, अपने पूर्वजों की आत्माओं के लिए तर्पण और दान करते हैं। ये कहानियां और विश्वास लोगों को अमावस्या के महत्व को समझने में मदद करते हैं।
अमावस्या से जुड़े उत्सव
कुछ लोग अमावस्या को शुभ दिन मानते हैं और इस दिन को देवी-देवताओं की पूजा और भजन-कीर्तन के साथ मनाते हैं।
मंदिरों में विशेष पूजा और आरती होती है। इस दिन घर पर भोजन में विशेष प्रकार के व्यंजन बनते हैं। कुछ लोग व्रत रखते हैं और साधु-संत को भिक्षा देते हैं।
यह अवसर परिवारिक रूप से भी मनाया जाता है, जहां परिवार के सदस्य एक साथ भोजन करते हैं और देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं।
Calculating Amavasya Dates
अमावस्या की तिथियाँ धार्मिक पंचांगों और मॉडर्न पंचांगों के अनुसार calculate की जाती हैं। ये तिथियाँ चंद्रमा के अस्त का परिणाम होती हैं जब चंद्रमा सूर्य से बिल्कुल छिप जाता है। पंचांग में ये तिथियाँ खास तरीके से denote होती हैं, जिससे लोग इनका सही समय और तिथि का पता लगा सकें।
Astrological Significance
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन ग्रहों की स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है और इसका महत्व भविष्य पर होता है।
वैदिक ज्योतिष में अमावस्या को ग्रहगमन के समय के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें ग्रहों का स्थिति के आधार पर लोग अपने कार्यक्षेत्र में प्रभाव का अनुमान लगाते हैं।
इस दिन का महत्व समय और तिथि के साथ ज्योतिषियों द्वारा भी देखा जाता है, जिससे लोग अपने जीवन में आने वाले समय की planning करते हैं।
FAQ’s – अमावस्या कब है?
1. अमावस्या के दिन क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
2. अमावस्या की तिथि को कैसे मनाएं?
3. मार्च में अमावस्या कब है 2024?
4. अप्रैल में अमावस्या कब है 2024?
5. मई में अमावस्या कब है 2024?
6. जून में अमावस्या कब है 2024?
7. जुलाई में अमावस्या कब है 2024?
8. अगस्त में अमावस्या कब है 2024?
9. सितम्बर में अमावस्या कब है 2024?
10. अक्टूबर में अमावस्या कब है 2024?
11. नवंबर में अमावस्या कब है 2024?
12. दिसंबर में अमावस्या कब है 2024?
निष्कर्ष
अमावस्या एक विशेष तिथि है जो हमारे जीवन में धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्व रखती है। इस दिन पर विचार ध्यान करके और परंपरागत रित्रिवाजों का पालन करके, हम अपने जीवन को शुभ और प्रगतिशील बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
यह दिन कर्मक्षेत्र में नए प्रारंभ का अवसर प्रदान करता है और लोग इस दिन को पुण्य कार्य और ध्यान में व्यतित करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन ग्रहों की स्थिति पर भी विशेष प्रभाव होता है, इसलिए लोग इस दिन को अपने भविष्य और कार्यक्षेत्र की योजना के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
समाज में इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है और विभिन्न धर्मों में इस दिन को अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। इस तिथि को ध्यान से मानकर और उसका महत्व समझकर, हम अपने जीवन में स्थिरता और शुभता ला सकते हैं।
उम्मीद है अब आपको किसी से पूछना नहीं पड़ेगा कि अमावस्या कब है और अमावस्या कितनी तारीख की हैं। यदि आपका इस लेख से संबंधित कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है।
धन्यवाद 🙂