Blockchain kya hai और इसका Bitcoin के साथ क्या रिश्ता हैं?

5/5 - (1 vote)

बीते कुछ सालों से Crypto Currency का चलन बहुत उफान पर हैं और इसी के चलते इसके अंदर एक टर्म है ब्लॉकचैन। अब Blockchain kya hai यह जानने के लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा क्योंकि आज का विषय यही होने वाला हैं कि आख़िर Blockchain kya hai और किस तरह से यह Crypto Curency के साथ जुडी हुई हैं।

क्या आपने ब्लॉकचेन का नाम सुना है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं आप बिटकॉइन के बारे में तो पक्के से जानते ही है ना तो बस ब्लॉकचेन को समझना आपके लिए आसान होगा क्यूंकि बिटकॉइन की रिकॉर्ड किपिंग टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचेन कहते हैं और ये बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के अलावा बैंकिंग और इन्वेस्टिंग की दूसरी फर्म से भी रिलेट करती है।

इसलिए बेहतर यही होगा कि आप इसके बारे में जान लें और इसके लिए आपको ये पोस्ट पूरा पढ़ना होगा। तो चलिए शुरू करते हैं। सबसे पहले ब्लॉकचेन को अच्छी तरह समझते हैं कि आखिर ये Blockchain kya hai?

Blockchain kya hai?

blockchain kya hai
Topic – blockchain kya hai

असल में ब्लॉकचेन एक तरह का डेटाबेस है और ये डेटाबेस क्या होता है? डेटाबेस इन्फोर्मेशन का एक कलेक्शन होता है जो कंप्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहता है। इस डेटाबेस में इन्फॉर्मेशन और डेटा एक टेबल फॉर्मेट में सेट होते हैं ताकि किसी स्पेसिफिक इनफार्मेशन की सर्चिंग और फिल्ट्रिंग आसानी से की जा सके।

यूं तो इस स्प्रेडशीट भी टेबल फॉर्म में होती है, लेकिन उससे डेटाबेस अलग इसीलिए होता है क्यूंकि स्प्रेडशीट केवल एक पर्सन के लिए डिजाईन की जाती है जबकि डेटाबेस का यूज़ कितने भी यूजर्स एक बार में कर सकते हैं। ब्लॉकचेन का पर्पस डिजिटल इन्फॉर्मेशन को रिकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की परमिशन देना है, लेकिन एडिट करने की नहीं। ये टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 में स्टूअर्ट हेबर और डब्ल्यू स्कॉट के जरिये सामने आई थी।

लेकिन ब्लॉकचेन को पहली रियल वर्ल्ड एप्लीकेशन साल 2009 में बिटकॉइन के लॉन्च के साथ ही मिली। अब Blockchain kya hai ये जान लेने के बाद ये भी जानते हैं कि इसे ब्लॉकचेन क्यों कहा जाता है?

इस टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचेन क्यों कहा जाता है?

तो इसका रीज़न ये है कि ब्लॉकचेन इन्फॉर्मेशन को ग्रुप्स में कलेक्ट करता है और इन ग्रुप्स को ब्लॉक्स भी कहा जाता है। हरेक ब्लॉक में लिमिटेड स्टोरेज कपैसिटी होती है। इसीलिए जब एक ब्लॉक भर जाता है तो वो पहले भरे हुए ब्लॉक से जाकर जुड़ जाता है। ऐसी एक चेन बन जाती है। डेटा की चेन और इसीलिए इसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।

ब्लॉकचैन काम कैसे करती हैं ?

अब जानते हैं कि ब्लॉकचेन के एलिमेंट्स जो मिलकर के ब्लॉकचेन तैयार करते हैं और साथ ही इस चेन के काम करने का तरीका भी जानते हैं। ये ब्लॉकचेन ऐसे ब्लॉक्स की चेन है जिसमें इन्फोर्मेशन है। हर ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक हैश है। ये हैश हर ट्रांजैक्शन पर जनरेट होता है और ये नंबर्स और लेटर्स की एक स्ट्रिंग है।

हैश ऐसा कलेक्शन है जो लेटर्स और नंबर्स के इनपुट को एक फिक्स लेंथ के एन्क्रिप्टेड आउटपुट में कन्वर्ट करता है। ये हैश केवल ट्रांजैक्शंस पर डिपेंड नहीं करता है बल्कि चैन में उससे पहले बने हुए ट्रांजैक्शन हैश पर भी डिपेंड करता है। अगर ट्रांजैक्शन में छोटा सा भी चेंज किया जाए तो एक नया हैश बन जाता है।

यानी ब्लॉकचेन के डेटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जाए तो उसकी सारी सेटिंग्स चेंज हो जाती हैं और इस तरह से रिकॉर्ड में हुई हेराफेरी का पता लगाया जा सकता है। इसीलिए ये एक सिक्योर आप्शन है। ये ब्लॉकचेन बहुत से कंप्यूटर्स पर स्प्रेड होती है और हर कंप्यूटर के पास ब्लॉकचेन की कॉपी होती है। इन कंप्यूटर्स को नोट्स कहते हैं। ये नोट्स हैश को चेक करके पता लगाते हैं कि ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव तो नहीं हुआ है ना।

अगर ट्रांजैक्शन को ज्यादातर नोट्स अप्रूव कर देते हैं तो उस ट्रांजैक्शन को ब्लॉक में लिखा जाता है। ये नोट्स ब्लॉकचेन का इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म करते हैं। ये ब्लॉकचेन डेटा को स्टोर स्प्रेड और प्रिजर्व करते हैं। एक पूल नोड कंप्यूटर जैसी डिवाइस होती है जिसके पास ब्लॉकचेन की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की फुल कॉपी होती है। ये ब्लॉकचेन पर आपको हर 10 मिनट में अपडेट करती है। ब्लॉकचेन के इम्पॉर्टेंट एलिमेंट्स क्या हैं और ये मिलकर के कैसे काम करते हैं? ये जानने के बाद अब आपको बताते हैं कि बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन कैसे यूजफुल है।

बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन कैसे यूजफुल है।

बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करंसीज में ब्लॉकचेन इन करेंसी के ऑप्शंस को कंप्यूटर्स के नेटवर्क पर स्प्रेड करता है जिससे इन करंसीज को बिना किसी सेंट्रल अथॉरिटी के ओपरेट करना पॉसिबल हो पाता है। इसके यूज से रिस्क भी रिड्यूस होता है और बहुत से प्रोसेसिंग और ट्रांजैक्शंस फीस भी एलिमिनेट हो जाती हैं।

बिटकॉइन के ब्लॉकचेन में जो ब्लॉक्स होते हैं वो मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डेटा को स्टोर करती हैं लेकिन असल में ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन के दूसरे टाइप्स का डेटा स्टोर करने के लिए भी रिलायबल होता है। ऐसे बहुत से एरियाज हैं जहां ब्लॉकचेन यूजफुल साबित हो सकती है और बहुत से इम्पॉर्टेंट सेक्टर्स की सर्विसेस को बेहतर बना सकती है। जैसे बैंकिंग और ब्लॉकचेन के बीच डिफरेंस को देखें तो फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशंस में ज्यादातर फाइव डेज ए वीक वर्क होता है।

यानि अगर आप वीक के बाकी दो दिन अपना चेक डिपोजिट करवाना चाहे तो आपको इंतजार करना होगा और वह वर्किंग डेज में भी चेक डिपोजिट करवाते हैं तो ट्रांजैक्शन में काफी टाइम भी लग सकता है। ऐसे में बैंक्स में इंटीग्रेटिड ब्लॉकचेन के जरिए ट्रांजैक्शन प्रोसेस 10 मिनट में पूरा हो सकता हैं।

ब्लॉकचेन के जरिए बैंक्स और इंस्टीट्यूशंस के बीच फण्ड एक्सचेंज भी तेजी से कर सकते हैं और हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें तो इसमें ब्लॉकचेन का यूज करके पेशेंट के मेडिकल रिकॉर्ड्स को सिक्योर्ड स्टोर किया जा सकता है। इसके लिए जो मेडिकल रिकॉर्ड जनरेट और साइन किया जाए तबसे ब्लॉकचेन पर लिखा जा सकता है। इससे पेशेंट्स को ये प्रूफ मिलेगा कि उनके रिकॉर्ड को अब चेंज नहीं किया जा सकता। इन रिकॉर्ड्स को ब्लॉकचेन पर स्टोर करते टाइम Private Key का यूज भी किया जा सकता है, जिससे इनकी प्राइवेसी भी बनी रहे।

बैंक्स और हेल्थ केयर के अलावा ब्लॉकचेन का यूज सप्लाई, चेन और वेटिंग सिस्टम में भी किया जा सकता है। सप्लाई चेन में सप्लायर्स ब्लॉक चेन में अपने खरीदे हुए मटेरियल का रिकॉर्ड रख सकते हैं, जिससे उन प्रोडक्ट्स की ऑथेंटिसिटी को वेरिफाई किया जा सकता है। वहीं मॉर्डन वेटिंग सिस्टम में भी ब्लॉकचेन का यूज करके इलेक्शन फ्रॉड को रोका जा सकता है और ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल से इस प्रोसेस में ट्रांसपेरेंसी भी बनाई रखी जा सकती है। इस तरह बहुत से सेक्टर्स में ब्लॉकचेन का यूज किया जा सकता है और इससे कई फायदे और कुछ नुकसान मिलते हैं।

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के फायदे क्या हैं?

  1. इस ट्रांसपेरेंट टेक्नोलॉजी के जरिए एक्यूरेसी में इम्प्रूवमेंट किया जा सकता है।
  2. थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन हटने से कॉस्ट रिडक्शन हो सकता है।
  3. ट्रांजैक्शन्स को सिक्योर और प्राइवेट भी रखा जा सकता है।

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के नुकसान क्या हैं?

  1. ये है कि ये फ्री नहीं है।
  2. इसकी स्पीड की वजह से ये हर सेकंड लिमिटेड ट्रांजैक्शंस ही कर सकती है।
  3. इसका यूज इललीगल ऐक्टिविटीज़ में होता रहा है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों ये थी ब्लॉकचैन के बारे में ऐसी खास और इम्पॉर्टेंट जानकारी जो आपके पास जरूर होनी चाहिए थी, इसलिए इसे बाकी लोगों के साथ शेयर करना बिलकुल ना भूलें। ये आर्टिकल कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिख करके जरूर बताएं और साथ ही साथ कोई सवाल हो तो प्लीज आप उसे लिख दीजिए। हम पूरी कोशिश करेंगे। जल्द से जल्द आपके सवाल का जवाब लेकर के आर्टिकल लेकर के बहुत जल्दी ही आपके सामने आए। धन्यवाद।

People also search: Blockchain kya hai | blockchain kya hai in hindi | blockchain kya hai hindi | blockchain kya hai hindi mein

Leave a Comment