धनतेरस क्यों मनाया जाता है – 2023 का धनतेरस कब है?

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क्या आप जानते हैं धनतेरस क्यों मनाया जाता है? इस लेख में हम आपको बताएंगे धनतेरस की कहानी, धार्मिक महत्व, और इस त्यौहार का इतिहास है। आइए जानते हैं इस पवित्र त्यौहार के बारे में।

धनतेरस, जो दिवाली के पहले दिन मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्यौहार है जो पूरे भारत में धूम धाम से मनाया जाता है।

ये त्योहार धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। लेकिन आप क्या जानते हैं, इस त्यौहार के पीछे की कहानी और इसका धार्मिक महत्व क्या है?

इस आर्टिकल में, धनतेरस क्यों मनाया जाता है (Dhanteras kyon manaya jata hai), Dhanteras kaise manaya jata hai और Dhanteras kab manaya jata hai जैसे सवालों के जवाब देंगे।

Table of Contents

Dhanteras Kyon Manaya Jata Hai?

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धनतेरस, जो कि “धन” और “तेरस” शब्दों से मिलकर बना है, एक धार्मिक त्योहार है जिसका धन, संपत्ति, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए मनया जाता है।

इस दिन, लोग अपने घरो में सफाई की व्यवस्था करते हैं, नए सामान खरीदते हैं, और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं।

इस दिन को मनाने का एक विशेष तरीका होता है जिसमें लोग धन, शुभ लक्ष्मी, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद लेते हैं।

धनतेरस का इतिहास

धनतेरस का इतिहास हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है। इसके पीछे एक कथा है जो महाभारत के समय तक जाती है।

इस कथा के अनुरूप, एक समय भगवान धन्वंतरि, जिन्हें आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है, समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।

इस दिन, लोग धन्वंतरि जी की पूजा करते हैं और उनके रोगियों के लिए शिफा मांगते हैं। इस प्रकार, धनतेरस को स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए भी महत्व प्राप्त है।

एक और प्राचीन कथा के अनुसार, एक व्यक्ति का नाम राजा हिम था, जिसका बेटा भविष्यवाणी के अनुसर एक सांप के काटने से मर जाएगा।

इस भविष्यवाणी को रोकने के लिए, उसकी पत्नी ने सोने और धन की भरपुर रकम रात भर अपने पति के साथ रखी।

वो रात, एक सांप आया और पति को बचाने के लिए सोने और धन के उपहार की रकम चुरा ली। इस प्रकार, पत्नी की अद्भुत भविष्यवाणी को बचाने के लिए धनतेरस का प्रारम्भ हुआ।

धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras Ki Puja Vidhi)

आपने अब धनतेरस क्यों मनाया जाता है (Dhanteras kyon manaya jata hai) और धनतेरस का इतिहास क्या है। इस विषय पर जानकारी हासिल कर ली है।

चलिए अब आगे चलते है और धनतेरस क्यों मनाया जाता है विषय पर लिखे गए लेख में धनतेरस की पूजा विधि के बारे में जानकारी हासिल करते है:

स्टेप 1: घर की सफ़ाई करें

सबसे पहले, लोग अपने घरो में सफाई की व्यवस्था करते हैं। घर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाने का प्रयास करते हैं।

स्टेप 2: लक्ष्मी जी की मूर्ति सजाएँ

घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र सजाया जाता है। लक्ष्मी जी को घर में आने के लिए तैयार किया जाता है।

स्टेप 3: धनतेरस की पूजा करें

पूजा के समय, लक्ष्मी जी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। मंत्रों और आरती के साथ भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

स्टेप 4: दीप जलाएं

घर के भीतर और बाहर दीप जलाए जाते हैं। दीपक घर को रोशनी से भर देता है और अंधकार को दूर करने का कार्य करता है।

स्टेप 5: लक्ष्मी पूजन और आरती

पूजा के बाद, लक्ष्मी जी की मूर्ति का पूजन किया जाता है और आरती उतारी जाती है। भक्ति भाव से आरती उतारते समय मंत्र जाप किया जाता है।

स्टेप 6: धन की प्राप्ति का आशीर्वाद

पूजा के समय, भक्त धनतेरस के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और समृद्धि और धन की प्राप्ति का व्रत करते हैं।

धनतेरस का महत्व (Dhanteras Ka Mahatva)

धनतेरस क्यों मनाया जाता है लेख में आपने जाना कि धनतेरस की पूजा विधि क्या है। चलिए अब जानते है कि धनतेरस का महत्व क्या है:

1. धन और संपत्ति की प्राप्ति:

धनतेरस का प्रमुख उद्देश्य धन और संपत्ति की प्राप्ति है। इस दिन, लोग नए सामान खरीदते हैं और अपने घरो में सफाई की व्यवस्था करते हैं, जिससे धन की वृद्धि होती है।

2. स्वास्थ्य और आयुर्वेद का महत्व:

धनतेरस के दिन धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है, जिन्हे आयुर्वेद का जनक मन जाता है। इससे लोग स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक उपचार की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

3. परिवार और समृद्धि का त्यौहार:

धनतेरस एक पारिवारिक त्यौहार है जिसमें परिवार के सदस्य एक साथ आते हैं और समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

4. दीपक की प्रतिनिधित्व:

दीपक घर को रोशनी से भर देता है, जो अंधकार और अविद्या को दूर करता है। दीपक का प्रतिनिधित्व धनतेरस के दिन में भी रोशनी का महत्व पूर्ण होता है।

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FAQ’s – धनतेरस क्यों मनाया जाता है?

1. धनतेरस की तिथि क्या है?

इस साल धनतेरस तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा। धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी।

2. धनतेरस की कथा क्या है?

धनतेरस की कथा महाभारत के समय की है, जिसमें भगवान धन्वंतरि और राजा हिम का महत्व है।

3. धनतेरस और दिवाली में अंतर क्या है?

धनतेरस दिवाली के 2 दिन पहले है। धनतेरस पर धन की प्राप्ति की प्रार्थना होती है, जबकी दिवाली पर भगवान श्रीराम के घर वापसी की खुशी मनाई जाती है।

4. धनतेरस पर क्या खरिदना शुभ होता है?

धनतेरस पर लोग सोना, चांदी, बर्तन, या अन्य सुंदर वस्तुओं की खरीद कर उन्हें लक्ष्मी जी की पूजा के लिए तैयार करते हैं।

5. धनतेरस के दिन क्या व्रत किया जाता है?

धनतेरस के दिन धार्मिक लोग धन की प्राप्ति के लिए व्रत करते हैं और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। इस दिन, नहाने और साफ-सुथरा रहने का विशेष महत्व है।

6. धनतेरस का क्या महत्व है?

धनतेरस का महत्व धन और समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद लेते हुए एक पारिवारिक त्यौहार के रूप में है। इस दिन, लक्ष्मी जी की कृपा पाने की प्रार्थना होती है।

निष्कर्ष: धनतेरस – धन और समृद्धि का त्यौहार

धनतेरस एक धार्मिक त्यौहार है जो धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन, लोग अपने घर को सजाते हैं और धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

धनतेरस का महत्व धन, समृद्धि और पारिवारिक एकता को समृद्धि और खुशहाली से जोड़ता है।

तो यह पवित्र अवसर पर है, आप भी धनतेरस का महत्व समझें और धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस त्योहार का आनंद उठाएं।

उम्मीद है आपको अब Dhanteras kyon manaya jata hai (धनतेरस क्यों मनाया जाता है), Dhanteras kab hai, Dhanteras kab ki hai (धनतेरस कब है) और धनतेरस कैसे मनाया जाता है जैसे जरूरी सवालों के जवाब मिल गए होंगे।

यदि आपका Dhanteras kyon Manaya Jata hai विषय से संबंधित अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में हमें पूछ सकते है।

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धन्यवाद 🙂

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